आॅटोइंफ्लामैट्री रोगों का सामान्य परिचय  


के संस्करण 2016
diagnosis
treatment
causes
Autoinflammatory Diseases
आॅटोइंफ्लामैट्री रोगों का सामान्य परिचय
ब्लाउ सिंड्रोम, कैंडल, क्रायोरापीरीन-एसोसिएटेड आवधिक सिंड्रोम (CAPS), सी आर एम ओ, डीरा, फेमिलियल मेडीट्रेनियन फीवर, माजीद सिंड्रोम, मेवैलोनेट काइनेज कमी (MKD), एन एल आर पी-१२ से संबंधित आवर्तक फीवर, पापा सिंड्रोम, पी.एफ.ए.पी.ए., टरैप्स या फैमीलीयल हिबरनीयन बुखार.
evidence-based
consensus opinion
2016
PRINTO PReS




BLAU’S DISEASE/JUVENILE SARCOIDOSIS


कैंडल


क्रायोरापीरीन-एसोसिएटेड आवधिक सिंड्रोम (CAPS)


सी आर एम ओ


डीरा


फेमिलियल मेडीट्रेनियन फीवर


माजीद


मेवैलोनेट काइनेज कमी (MKD) या हाइपर आईजीडी सिंड्रोम


एन एल आर पी-१२ से संबंधित आवर्तक फीवर (बुखार, ज्वर)


पापा सिंड्रोम


सामायिक बुखार के साथ छाले, गले मे सुजन (ग्रसनीषोथ ग्रंथिप्रदाह) एवं गले की ग्लेण्ड मे सूजन (लसिका ग्रंथी कोप) (पी.एफ.ए.पी.ए.)


टरैप्स या फैमीलीयल हिबरनीयन बुखार


1. आटोइंफ्लामैट्री रोगों का सामान्य परिचय

1.1 सामान्य परिचय
अनुसंधान में हाल में हुई प्रगति के कारण यह पता चला है कि दुर्लभ बुखार आनुवंशिक खराबी के कारण होते है। इनमंे से कई तरह के बुखार से परिवार के अनेक सदस्य भी पीड़ित हो सकते है।

1.2 आनुवंशिक खराबी का अर्थ क्या है?
इस का अर्थ है कि जीन में अचानक बदलाव या परिवर्तन हो गया है। परिवर्तित जीन के कार्य को बदल देता है और वह शरीर को गलत संकेत देता है जिससे बीमारी उत्पन्न होती है। शरीर की हर कोशिका में हर जीनके दो कण होते है। एक कण माँ से आता है और दूसरा पिता से आता है। परिवर्तित जीन की विरासत दो प्रकार से हो सकती हैः
1. रिसेसिवः इस परिस्थिती में दोनो जीन परिवर्तित हैै। माता व पिता दोनों में एक-एक जीन खराब है। वह बीमार नही है क्योंकि बीमारी तभी होती है जब जीन के दोनों कण खराब हों। बच्चे में खराब जीन जाने की संभावना एक चैथाई होती है।
2. ‘डाॅमिनेन्ट: इस प्रकार में केवल एक परिवर्तित जीन ही बीमारी को स्वरूप दे सकती है। किसी भी एक पालक में बीमारी होने से बच्चे में वह बीमारी होने की संभावना 50 प्रतिशत होती है।
ऐसा भी हो सकता है कि माता व पिता में जीन की कोई खराबी ना हो। इस परिस्थिती को जीन में नया परिवर्तन कहा जाता है। यह परिवर्तन माँ के गर्भधारण के सयम होता है। दूसरे संतान में यही परिवर्तन होने की सम्भावना नही के बराबर है किन्तु पिड़ीत संतान के बच्चें में यह दोष पाये जाने की संभावना डाॅमिनेन्ट विरासत के समान (50 प्रतिशत) होती है।

1.3 आनुवंशिक दोष का परिणाम क्या है?
परिवर्तित जीन का असर एक विशिष्ट प्रकार के प्रोटीन के उत्पादन व कार्यशैली पर पड़ता है। यह असामान्य प्रोटीन प्रदाह को प्रोत्साहित करता है जिससे पिड़ीत व्यक्ति मेे बुखार उत्पन्न होता है। प्रदाह को प्रोत्साहित करने की प्रक्रिया सामान्य व्यक्ति में नही हो पाती।


 
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